ग्रहों की स्थिति और प्रभाव
वर्तमान में आध्यात्म, धर्म और ज्ञान का कारक ग्रह गुरु वक्री स्थिति में चल रहा है। यह ग्रह चंद्रमा के नक्षत्र में है और इसका राशि स्वामी शुक्र, मीन राशि में राहु के साथ स्थित होकर पीड़ित हो रहा है। इसके अलावा, मंगल ग्रह भी वक्री होकर गुरु के नक्षत्र में स्थित है, जो अग्निकांड, हिंसा और उग्रता जैसी घटनाओं का संकेत देता है।
बुध मकर राशि में सूर्य के नक्षत्र में है, जबकि सूर्य स्वयं मकर राशि और चंद्र के नक्षत्र में स्थित है। शुक्र भी गुरु की राशि और गुरु के नक्षत्र में स्थित है, लेकिन इसका dispositor (संचालक ग्रह) वक्री अवस्था में है। शनि कुंभ राशि में गुरु के नक्षत्र में चल रहा है, जिसका नक्षत्र स्वामी भी वक्री है।
संभावित प्रभाव और घटनाओं के संकेत
ग्रहों की वर्तमान चाल दर्शाती है कि अधिकतर ग्रहों का प्रभाव गुरु ग्रह से जुड़ा हुआ है। वहीं, गुरु का dispositor शुक्र राहु के साथ पीड़ित अवस्था में है। चूंकि मीन राशि जलीय राशि होती है, इसलिए यह योग संकेत देता है कि किसी धार्मिक स्थल, नदी या जल स्रोत के किनारे स्थित स्थानों पर भीड़ के कारण अव्यवस्था उत्पन्न हो सकती है।

विशेष रूप से, राहु की उपस्थिति षड्यंत्र और गुप्त गतिविधियों को इंगित करती है। भीड़ वाले स्थानों पर दहशत, अफवाहों और अव्यवस्थित माहौल की स्थिति बन सकती है, जिससे लोगों को असुविधा और परेशानी हो सकती है।
योगी आदित्यनाथ की कुंडली पर ग्रहों का प्रभाव

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कुंडली में राहु और शुक्र पर सूर्य का गोचर 12 फरवरी 2025 तक बना रहेगा। इस कारण विवाद, षड्यंत्र, आरोप-प्रत्यारोप और अपयश के योग बन रहे हैं। ग्रहों की यह स्थिति उन्हें मानसिक रूप से तनावग्रस्त कर सकती है और राजनीतिक चुनौतियों को बढ़ा सकती है।
सावधानी और समाधान
- इस अवधि में योगी आदित्यनाथ जी को हर निर्णय सोच-समझकर लेना होगा।
- विवादास्पद मुद्दों से बचने की आवश्यकता होगी, ताकि बेवजह के आरोप-प्रत्यारोप से बचा जा सके।
- ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए गुरु और शुक्र से संबंधित उपाय करना लाभकारी रहेगा।
- धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सुरक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत होगी, ताकि किसी भी अफवाह या षड्यंत्र से बचा जा सके।
