क्या ट्रंप फिर से किम जोंग उन से बात करेंगे? जताई तानाशाह से मुलाकात की इच्छा, किम जोंग उन को बताया एक “समझदार और स्मार्ट” व्यक्ति

क्या ट्रंप फिर से किम जोंग उन से बात करेंगे?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन से फिर से मिलने की इच्छा जताई है। ट्रंप का कहना है कि किम जोंग उन उन्हें पसंद करते हैं और वह उनसे बातचीत करने के लिए तैयार हैं। यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने किम जोंग उन से मुलाकात की हो। अपने पहले कार्यकाल (2016-2020) के दौरान उन्होंने तीन बार किम से मुलाकात की थी।

ट्रंप और किम के बीच पहले की मुलाकातें
डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच 2018 और 2019 के बीच तीन मुलाकातें हुईं। 2019 में ट्रंप उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने। यह मुलाकात ऐतिहासिक मानी गई, क्योंकि उत्तर कोरिया एक अलग-थलग रहने वाला देश है और उसका अमेरिका से संबंध हमेशा तनावपूर्ण रहा है।

किम जोंग उन के बारे में ट्रंप की राय
ट्रंप ने किम जोंग उन को एक “समझदार और स्मार्ट” व्यक्ति बताया है। उनके अनुसार, किम जोंग उन के साथ बातचीत करना संभव है और इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि उनके किम के साथ व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे हैं।

क्या यह बातचीत आसान होगी?
हालांकि, नॉर्थ कोरिया से संबंध सुधारना ट्रंप के लिए इतना आसान नहीं होगा। अमेरिका का करीबी सहयोगी साउथ कोरिया नॉर्थ कोरिया का सबसे बड़ा विरोधी है। अगर ट्रंप उत्तर कोरिया से बातचीत करते हैं, तो इसका असर साउथ कोरिया के साथ अमेरिका के संबंधों पर पड़ सकता है।

इसके अलावा, ट्रंप की अपनी टीम में भी कई लोग नॉर्थ कोरिया के साथ बातचीत के खिलाफ हैं। ट्रंप के विदेश मंत्री मार्को रुबियो खुद किम जोंग उन को “तानाशाह” कहकर संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में ट्रंप को अपनी टीम और सहयोगी देशों को भी संतुष्ट करना होगा।

ट्रंप की पहल कितनी असरदार होगी?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में किम जोंग उन से बातचीत शुरू करके दुनिया को चौंकाया था। अब सवाल यह है कि क्या वह फिर से यह पहल कर पाएंगे? ट्रंप प्रशासन का कहना है कि बातचीत के लिए सभी रास्ते खुले हैं। हालांकि, यह देखना बाकी है कि बातचीत से दोनों देशों के संबंधों में कोई ठोस सुधार होता है या नहीं।

नॉर्थ कोरिया से संबंध सुधारने की चुनौती
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी नॉर्थ कोरिया से बातचीत की पहल की है, लेकिन उनके लिए इसे आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण रहेगा। साउथ कोरिया, अमेरिकी कैबिनेट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच ट्रंप को एक संतुलित रास्ता अपनाना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह इस बार किम जोंग उन के साथ कोई ठोस समझौता कर पाते हैं।

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