29 जनवरी को प्रयागराज में मौनी अमावस्या के अवसर पर आयोजित अमृत स्नान में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। इस पवित्र मौके पर देश-विदेश के श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने और आध्यात्मिक अनुभव पाने के लिए एकत्र हो रहे हैं।
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विदेशी भक्त भी होंगे इस पावन आयोजन का हिस्सा शांति और मुक्ति की तलाश
फ्रांस, इटली, जापान, रूस, और यूक्रेन जैसे देशों से हजारों विदेशी श्रद्धालु इस महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं। ये भक्त शिव के नाम का जाप करते हुए विश्व शांति और सद्भाव की कामना कर रहे हैं। कई विदेशी श्रद्धालुओं ने कहा कि त्रिवेणी संगम पर गंगा में डुबकी लगाने का अनुभव उनके लिए अद्भुत और रहस्यमयी है।
साधु-संतों के शिविर में अद्भुत दृश्य विश्व शांति के लिए शिवनाम का जाप
महामंडलेश्वर स्वामी विष्णुदेवानंद जी के शिविर में युद्धरत देशों रूस और यूक्रेन के नागरिक एक साथ मिलकर शिव नाम का जाप कर रहे हैं। रूसी श्रद्धालु एंड्री ने कहा कि गंगा स्नान उनके लिए एक अनोखा अनुभव है। वहीं, यूक्रेन की सिमोवा ने बताया कि गुरु के मार्गदर्शन में शिव भक्ति ने उनके जीवन को बदल दिया है।
प्रशासन की तैयारियां जोरों पर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान
प्रशासन ने अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। साधु-संतों के शिविरों में भी भक्तों की जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को पुख्ता किया गया है।
भारतीय संस्कृति का अनोखा संगम भेदभाव मिटाने वाला पर्व
महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह विश्व बंधुत्व का प्रतीक भी है। यहां सभी जाति, धर्म, और देश के लोग एक साथ संगम में डुबकी लगाकर शांति और मुक्ति की कामना करते हैं। महाकुंभ का यह पर्व भारतीय संस्कृति के गौरव और सनातन परंपराओं को दर्शाता है।
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