रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने परिवार सहित आज महाकुम्भ 2025 के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। अंबानी परिवार का प्रयागराज और निरंजनी अखाड़े से गहरा रिश्ता रहा है। आज के दिन वे त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करेंगे और इसके बाद निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से आशीर्वाद लेने की योजना बना रहे हैं।

मुकेश अंबानी का निरंजनी अखाड़े से पुराना नाता रहा है। छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी में भी स्वामी कैलाशानंद गिरि को निमंत्रण दिया गया था और उन्हें आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ था। इस गहरे संबंध के चलते अंबानी परिवार निरंजनी अखाड़े के शिविर में आयोजित भंडारा सेवा में भी भाग ले रहा है। आज अंबानी परिवार के साथ उनकी पत्नी, बहन, बेटे और बहुएं शामिल हैं, और उनके साथ लगभग 30 सदस्यीय टीम भी मौजूद है।

त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद, अंबानी परिवार ने नौका विहार का आनंद उठाया। धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए यह यात्रा न केवल आस्था के स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि आधुनिक जीवनशैली और परंपरा के मेल का भी प्रतीक है। संगम स्नान के उपरांत अंबानी परिवार सीधे निरंजनी अखाड़े पहुंचे, जहाँ स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में Reliance Industries के सहयोग से भंडारा सेवा का आयोजन किया जा रहा है। इस भंडारे में अंबानी परिवार ने साधु-संतों, कल्पवासियों के साथ-साथ नाविकों और सफाईकर्मियों को भोजन परोसकर अपने दिल की भावनाओं को साझा किया।

महाकुम्भ के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर प्रयागराज प्रशासन ने अंबानी परिवार के 50 गाड़ियों के काफिले को मेले के मुख्य क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया है। इस कदम का मकसद भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करना है। हालांकि, अंबानी परिवार को त्रिवेणी संगम स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की अनुमति प्रदान की गई है। प्रशासन द्वारा अंबानी परिवार के लटे हनुमान मंदिर जाने के अनुरोध पर विचार किया जा रहा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार तक कुल 45.58 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान कर लिया है। मंगलवार सुबह 8 बजे तक ही 50 लाख श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे। अमावस्या के दिन इस संख्या में 8 करोड़ तक वृद्धि देखी गई थी, और संभावना है कि आने वाले दिनों में यह 50-55 करोड़ के पार भी जा सकती है।
मुकेश अंबानी का महाकुम्भ में आगमन न केवल उनके पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि यह आधुनिक उद्योगपतियों और परंपरा के संगम का भी प्रतीक है। यह आयोजन देशभर में आस्था और संस्कृति की नई ऊर्जा का संचार कर रहा है।
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