21 जनवरी 2025 को सुबह 9:37 बजे मंगल ग्रह वक्री होकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह घटना विश्व और समाज पर कई प्रकार के प्रभाव डालेगी। मंगल ग्रह के इस गोचर से भूकंप, भूस्खलन, और अग्निकांड जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने की संभावना है। साथ ही, लड़ाई-झगड़े, आगजनी और विवाद की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
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- संभावित घटनाएं और प्रभाव
प्राकृतिक आपदाएं
भूकंप और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ सकती हैं। आग्नेयास्त्रों और आगजनी की घटनाओं में वृद्धि होगी।
- सामाजिक और राजनीतिक घटनाक्रम
किसी विशिष्ट व्यक्ति पर हमले या राजनीतिक तनाव की संभावना है। पुलिस और सेना के हस्तक्षेप में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। - धार्मिक और शैक्षिक क्षेत्र पर प्रभाव
नवमांश में गुरु और मंगल के साथ होने से धार्मिक स्थलों और धार्मिक गुरुओं के लिए खतरे का संकेत है। विद्यालय, कोचिंग सेंटर, और शिक्षकों के लिए समय चुनौतीपूर्ण रहेगा। - व्यक्तिगत प्रभाव
खिलाड़ी और छोटे बच्चों के लिए यह समय विशेष रूप से सतर्कता का है। मंगल और शनि के गुरु नक्षत्र में होने से राजा, राजनेता, या बड़े व्यक्तियों के अपमान की संभावना है।
संवेदनशील क्षेत्र
मंगल के इस गोचर से निम्न क्षेत्रों में प्रभाव की आशंका है:
- अंतरराष्ट्रीय स्थान: अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड का दक्षिण-पश्चिम भाग, इटली, वेल्स, बेल्जियम, सऊदी अरब, तुर्की, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया (मेलबोर्न), और पेरिस।
- भारत के क्षेत्र: उत्तर भारत, विशेष रूप से पंजाब और उसके आसपास के इलाके।
- अन्य स्थान: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, ऑक्सफोर्ड, आर्मेनिया, और जलीय क्षेत्र।
सलाह
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
- धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहें।
- आग और अन्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।
निष्कर्ष
मंगल ग्रह का यह वक्री गोचर दुनिया में उथल-पुथल ला सकता है। यह समय व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर सतर्कता और धैर्य बनाए रखने का है।
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