महाकुंभ 2025: ममता कुलकर्णी बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर
ममता कुलकर्णी ने लिया सन्यास
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाते हुए सन्यास ले लिया है। महाकुंभ 2025 के दौरान ममता ने संगम तट पर पिंडदान किया और किन्नर अखाड़े के संपर्क में आने के बाद आज वह महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं। अब वह ममता नंद गिरी के नाम से जानी जाएंगी।

महाकुंभ में दीक्षा और पिंडदान
शुक्रवार को ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के संगम तट पर सन्यास की दीक्षा ली और पिंडदान किया। खबरों के मुताबिक, ममता पिछले डेढ़ साल से किन्नर अखाड़े के संपर्क में थीं। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ उनकी कई बार चर्चा हुई।
महाकुंभ में पहुंचीं भगवा वस्त्र में
महाकुंभ मेले में ममता कुलकर्णी भगवा वस्त्र पहनकर पहुंचीं। उन्होंने गंगा स्नान किया और अखाड़े के अन्य संतों से मुलाकात की। ममता ने जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी जय अंबानंद गिरी के साथ महाकुंभ की व्यवस्थाओं की तारीफ भी की।
ममता कुलकर्णी का नया नाम
सन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। उनका नया नाम “श्री यमाई ममता नंद गिरी” रखा गया है। किन्नर अखाड़े ने ममता के इस फैसले की सराहना की है और उन्हें धर्म और अध्यात्म से जुड़े कार्यों में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया है।
किन्नर अखाड़े का बयान
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ममता पिछले डेढ़ साल से हमारे संपर्क में थीं। उनके जीवन में आया यह बदलाव उनकी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि ममता को किसी भी धार्मिक पात्र को निभाने या अपनी कला दिखाने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
25 साल बाद भारत लौटीं ममता

ममता कुलकर्णी करीब 25 साल बाद भारत लौटी हैं। उन्होंने अपनी मातृभूमि पर लौटने पर भावुक होकर एक वीडियो पोस्ट किया था। 90 के दशक में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाली ममता ने 2012 में कुंभ मेले में हिस्सा लिया था। अब वह 2025 के महाकुंभ में पूरी तरह आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए लौट आई हैं।
अभिनेत्री से साध्वी बनने का सफर

ममता कुलकर्णी ने कहा था कि वह 50 साल की हो चुकी हैं और अब वह एक शांत और आध्यात्मिक जीवन जीना चाहती हैं। उन्होंने शादी न करने का निर्णय लिया और धर्म, अध्यात्म और समाज को जोड़ने में अपनी भूमिका निभाने की इच्छा जताई।
निष्कर्ष
ममता कुलकर्णी का अभिनेत्री से साध्वी बनने का यह सफर प्रेरणादायक है। उनके इस फैसले ने न केवल महाकुंभ 2025 को विशेष बनाया है, बल्कि यह दिखाया है कि जीवन का हर मोड़ नई दिशा और पहचान दे सकता है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनकर ममता अब अध्यात्म और समाजसेवा में योगदान देंगी।