प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ
महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ। इस धार्मिक आयोजन में अब तक करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने परिवार के साथ सोमवार को संगम तट पर डुबकी लगाई। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बाबा रामदेव और जूना अखाड़ा के 11 संत भी मौजूद थे।
अमित शाह का संगम स्नान और गंगा पूजन
अमित शाह ने संगम में स्नान कर पवित्र गंगा जल का पूजन किया। जूना अखाड़े के संतों ने मंत्रोच्चार के साथ त्रिवेणी का जल उनके सिर पर छिड़का। यह स्नान भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने अपने पोते को साधु-संतों से आशीर्वाद भी दिलवाया और गंगा माता के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए मछलियों को दाना भी डाला।
जूना अखाड़ा के 11 संतों का साथ
अमित शाह के इस स्नान में जूना अखाड़ा के 11 प्रमुख संत शामिल हुए। इन संतों ने गृहमंत्री के साथ त्रिवेणी के जल में डुबकी लगाई। यह संतों के साथ जुड़ाव और भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में श्रद्धा को दर्शाता है।
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महाकुंभ और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महाकुंभ भारतीय सनातन परंपरा में एकता और समरसता का अद्वितीय प्रतीक है। अमित शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि महाकुंभ सनातन संस्कृति की “अविरल धारा” का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सभी जाति, धर्म और संप्रदाय के लोगों को जोड़ता है और सांस्कृतिक एकता का संदेश देता है।
संगम में डुबकी का महत्व
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करना आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। अमित शाह ने पवित्र स्नान कर भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने अक्षयवट के दर्शन भी किए और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्थाएँ
अमित शाह के आगमन के लिए प्रशासन ने विशेष तैयारियाँ की थीं। पूरे मेला क्षेत्र को वाहन निषेध क्षेत्र घोषित किया गया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। उनके संगम स्नान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उपस्थित थे।
महाकुंभ का महत्व और भागीदारी का आग्रह
अमित शाह ने लोगों से महाकुंभ में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कुंभ हमें शांति और सौहार्द का संदेश देता है। यह आयोजन आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है।
महाकुंभ 2025 में अमित शाह का संगम स्नान भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का सम्मान है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और समरसता का संदेश भी देता है। महाकुंभ का यह पर्व हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की याद दिलाता है और इसे संरक्षित रखने के लिए प्रेरित करता है।
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