आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ‘आप’ की नीतियों की नकल है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुफ्त सेवाओं पर उनकी आलोचना को गलत मानने की अपील की। केजरीवाल ने भाजपा के घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि इसमें कानून-व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है।
दिल्ली चुनाव घोषणापत्र पर भाजपा और आप आमने-सामने
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके घोषणापत्र में मुफ्त सेवाओं की घोषणा, आप की नीतियों की नकल है। केजरीवाल का यह बयान भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के बाद आया।
केजरीवाल का भाजपा पर हमला

ये भी पढ़े: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: चाहे चुनाव कोई भी जीते, दिल्ली में महिलाओं को हर महीने मिलेंगे कम से कम 2100 रुपये!
घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा, “भाजपा ने बार-बार आरोप लगाया कि केजरीवाल मुफ्त सेवाएं देते हैं। लेकिन आज उन्होंने खुद दिल्ली के लोगों को मुफ्त सेवाएं देने का वादा किया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे यह स्वीकार करें कि आप की मुफ्त सेवाओं की नीति गलत नहीं थी।
मुफ्त सेवाओं को बताया भगवान का उपहार
केजरीवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को यह मान लेना चाहिए कि मुफ्त सेवाएं देना गलत नहीं है। यह भगवान का उपहार है और देश के लिए फायदेमंद है। जब भाजपा खुद इसे लागू कर रही है, तो फिर लोगों को भाजपा को वोट देने की आवश्यकता क्यों है?”
कानून-व्यवस्था पर भाजपा के घोषणापत्र की आलोचना
आप प्रमुख ने भाजपा के घोषणापत्र में कानून-व्यवस्था सुधार पर ध्यान न देने के लिए उसकी आलोचना की। उन्होंने इसे “झूठ का पुलिंदा” करार दिया और कहा कि यह घोषणापत्र दिल्ली के वास्तविक मुद्दों को संबोधित नहीं करता है।
मोहल्ला क्लीनिक बंद करने का मुद्दा
केजरीवाल ने यह दावा किया कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की बात कही है। उन्होंने इसे लेकर लोगों से राय लेने की बात कही और कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को चुनावी मंच पर जोर-शोर से उठाएगी।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर आप की नीतियों की नकल करने का आरोप लगाया और कहा कि मुफ्त सेवाओं की आलोचना करना गलत था। उन्होंने भाजपा के घोषणापत्र को दिल्ली की जरूरतों से कटे हुए दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया और चुनावी जंग में जनता के समर्थन की अपील की।