Budget 2025: 10 लाख रुपये तक कमाई करने वाले करदाताओं की होगी चांदी, 80C की लिमिट बढ़ा सकती है सरकार

बजट 2025: करदाताओं के लिए राहत और उम्मीदें
केंद्र सरकार का आम बजट 2025 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। इस बार हर क्षेत्र से बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर मध्यम वर्ग के करदाताओं से। पिछले साल जुलाई में पेश किए गए बजट में मध्यम वर्ग के लिए कोई खास ऐलान नहीं किया गया था, इसलिए इस बार करदाताओं को टैक्स स्लैब में बड़ी छूट मिलने की उम्मीद है।

कर छूट की सीमा बढ़कर ₹10 लाख हो सकती है
वर्तमान में, करदाताओं को ₹7.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है। लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने वित्त मंत्री से यह अपील की है कि इसे ₹10 लाख तक बढ़ाया जाए। इससे नौकरीपेशा लोगों को बड़ा फायदा हो सकता है और उनके जीवन में राहत मिल सकती है।

मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सरकार टैक्स स्लैब में राहत देगी, ताकि उनके पास अधिक पैसा बच सके।

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स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी मिल सकती है छूट
पिछले बजट में, निर्मला सीतारमण ने ₹50,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया था। अब उम्मीद जताई जा रही है कि बजट 2025 में इसे ₹1 लाख तक किया जा सकता है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम मध्यम वर्ग के लोगों के लिए राहतकारी साबित हो सकता है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी इस बजट में कुछ विशेष ऐलान किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर लगने वाले टैक्स को माफ किया जा सकता है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए और भी लाभकारी योजनाएं लागू हो सकती हैं। हालांकि, यह सब बजट 2025 के बाद ही स्पष्ट होगा।

सेक्शन 80C में छूट की सीमा बढ़ने की संभावना
एक और बड़ा मुद्दा जो इस बजट से जुड़ा हुआ है, वह है 80C के तहत छूट की सीमा। आयकर अधिनियम 1961 के तहत पिछले एक दशक से यह सीमा ₹1.5 लाख पर स्थिर है। महंगाई और बढ़ती आय के बावजूद यह सीमा नहीं बढ़ाई गई है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में सरकार इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर सकती है।

क्या है सेक्शन 80C?
आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत करदाता अपनी पर्सनल और फैमिली पर की गई विभिन्न निवेशों पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह छूट पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), होम लोन का मूलधन, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), और कई अन्य योजनाओं में किए गए निवेश पर मिलती है।

यदि इस सीमा को बढ़ाया जाता है, तो न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि लोग अपनी वित्तीय योजनाओं में अधिक निवेश करेंगे, जिससे भारतीय परिवारों को और बेहतर सुरक्षा मिल सकेगी।

कहां करें निवेश?
80C के तहत टैक्स क्लेम करने के लिए, आपको पूरे वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में निवेश या खर्च करना होगा। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय आपको इन राशियों को संबंधित सेक्शन में रिपोर्ट करना होगा। इसके अलावा, निवेश और भुगतान के सर्टिफिकेट और रिसीप्ट को जोड़ना एक सही विकल्प होगा, जिससे क्लेम की प्रक्रिया में आसानी होती है।

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