महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा और आपसी भाईचारे की एक नई मिसाल कायम हो रही है। मौनी अमावस्या के बाद अब वसंत पंचमी के अवसर पर भी मुस्लिम समुदाय श्रद्धालुओं के स्वागत और देखभाल के लिए तैयारी की। मस्जिदों और इमामबाड़ों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खुले रहें, ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
मौनी अमावस्या पर दिखी गंगा-जमुनी तहजीब
महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर जब रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते बंद हो गए, तो मुस्लिम समुदाय ने श्रद्धालुओं के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए। चौक स्थित जामा मस्जिद ने भी सैकड़ों लोगों को आश्रय दिया। मुस्लिम बहुल इलाकों में श्रद्धालुओं के लिए लंगर चला और ठंड से बचाने के लिए कंबल भी बांटे गए।
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए यादगारे हुसैनी इंटर कॉलेज में तीन दिनों तक रुकने की व्यवस्था की गई थी। कॉलेज के प्रबंधक गौहर काजमी ने बताया कि वसंत पंचमी पर भी श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की।
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वसंत पंचमी पर भी होंगे इंतजाम
बेकरी कारोबारी राशिद सगीर ने मौनी अमावस्या पर शहरारा बाग मस्जिद में श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था की थी। उन्होंने चादर व कंबल बांटे और महिलाओं के लिए अपना रेस्टोरेंट भी खोला। अब वसंत पंचमी पर भी वे यही सेवा दोहराई गयी
चौक में हसीब अहमद ने मौनी अमावस्या पर लंगर का आयोजन किया था और अब वसंत पंचमी पर भी श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था करेंगे। युवा नेता अदील हमजा ने पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को वाहन उपलब्ध कराए थे, जो इस बार भी जारी रहा।
भंडारे और सेवा कार्य जारी रहेंगे
मंसूर उस्मानी, आफताब अहमद और आफशा शफीक ने मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी पर डफरिन अस्पताल के पास भंडारा लगाया था और मुमताज महल में श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की थी।
बहादुरगंज की दिव्यांग नसीमा बेगम, जिन्हें मुख्यमंत्री से सम्मान मिला है, उन्होंने मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क चाय-नाश्ता उपलब्ध कराया था और अब वसंत पंचमी पर भी यही सेवा देने का संकल्प लिया था।
कारोबारी का योगदान
पटाखा कारोबारी मोहम्मद कादिर और उनके संगठन ने मौनी अमावस्या पर दो ट्रक बोतलबंद पानी वितरित किया था और महाप्रसाद का आयोजन किया था। अब वे वसंत पंचमी पर भी एक दिन के भंडारे का आयोजन किया।
भाईचारे की अनूठी मिसाल
युवा नेता अदील हमजा ने इस पहल को लेकर कहा, “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है, हिंदोस्तां हमारा।” इस सेवा कार्य में जैद, अरीब, अजय त्रिपाठी, सुहेल, आहद और आजम ने भी योगदान दिया था।
महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय द्वारा श्रद्धालुओं की सेवा गंगा-जमुनी तहजीब की एक अनूठी मिसाल पेश कर रही है। मौनी अमावस्या पर किए गए सेवा कार्यों को अब वसंत पंचमी पर भी दोहराया जाएगा, जिससे महाकुंभ में भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश और मजबूत हुआ।
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