दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के दो दिन बाद, पूर्व नेता आशुतोष ने खुलकर बयान दिया कि पार्टी वास्तव में बहुत पहले ही खत्म हो चुकी थी। 8 फरवरी को नतीजों के सामने आते ही आशुतोष ने यह साफ कर दिया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपनी क्रांतिकारी नैतिकता खो दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP अब सिर्फ चुनाव लड़ने वाली पार्टी बन गई है, जिसने अपने मूल आदर्शों की जगह भव्य सुविधाओं और धन के चक्कर में अपनी पहचान खो दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर आशुतोष ने लिखा, “AAP तो उसी दिन खत्म हो गई थी जब इस पार्टी के लोग चार्टर्ड फ़्लाइट से यात्रा करने लगे, प्रेसीडेंशियल सूट में रहने लगे, अपने लिए शीश महल बनाने लगे, Z+ सिक्योरिटी लेने लगे, और चुनाव के दौरान हरियाणा में पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाकर जनसंहार का हवाला देने लगे। साथ ही, पत्रकारों को धमकाने और मोदी की नक़ल करते हुए प्लांटेड इंटरव्यू देने लगे। 8 तारीख को नतीजे ने इन सभी का सबूत दे दिया।”
पूर्व नेता आशुतोष, जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हर्षवर्धन से प्रतिस्पर्धा की थी, ने 2018 में निजी कारणों के चलते AAP छोड़ दी थी। उनका मानना है कि पार्टी की असल पूंजी उसकी नैतिकता थी, और जब वह खो गई, तो AAP की सत्ता भी खत्म हो गई। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आने वाले चुनावों में, विशेषकर पंजाब में, पार्टी को अपनी पकड़ बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। उनके अनुसार, पंजाब में विपक्षी पार्टियाँ, जैसे कांग्रेस और बीजेपी, AAP की नैतिक गिरावट का फायदा उठाने के लिए कट्टर प्रचार चलाएंगी।

आशुतोष ने अपने बयान में केजरीवाल पर ‘शीश महल’ बनाने का आरोप लगाया, जो कि उनके द्वारा स्वाभाविक और सामान्य जीवन से दूर हो कर विशेष सुविधाओं का उपयोग करने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी पार्टी ने अपने आदर्शों को छोड़कर भव्य जीवनशैली अपनाई है, तो उस पार्टी का असली चरित्र समाप्त हो जाता है।
AAP की दिल्ली चुनाव में सिर्फ 22 सीटों पर टिक पाई, जबकि बीजेपी ने 48 सीटों की बढ़त बनाई। इस हार ने पार्टी के अंदर गहरी खाई पैदा कर दी है। आशुतोष के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह अब उस पार्टी की आलोचना करते हुए उसे नैतिक रूप से पतनशील मानते हैं। उनके अनुसार, AAP अब चुनाव लड़ने और सत्ता प्राप्त करने की दौड़ में इतनी उलझ चुकी है कि उसकी आत्मा और मूल्यों को ही खो दिया है।
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