उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया में एक और घोटाला सामने आया है। मेरठ के पुलिस लाइन में शारीरिक परीक्षण के दौरान बागपत के अभ्यर्थी निखिल राठी से डॉक्टर ने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, ताकि उसे शारीरिक मानक में फिट घोषित किया जा सके। इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।
रिश्वत लेने के लिए डॉक्टर ने किया यह तरीका अपनाया
निखिल राठी ने 6 जनवरी को मेरठ पुलिस लाइन में शारीरिक परीक्षण और प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए हिस्सा लिया। निखिल के मुताबिक, डॉक्टर ने उसकी छाती के फुलाव को सही नहीं बताया और कहा कि वह पुलिस लाइन के गेट नंबर तीन के बाहर खड़ी गाड़ी में जाकर बात करें। जब निखिल वहां पहुंचा, तो गाड़ी गायब थी। इसके बाद डॉक्टर ने निखिल के पिता का मोबाइल नंबर लेकर उन्हें फोन किया और कहा कि यदि वे 50 हजार रुपये देंगे तो उनका बेटा शारीरिक मानक में फिट घोषित कर दिया जाएगा।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, आरोपी गिरफ्तार
निखिल के पिता ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और पुलिस लाइन के बाहर खड़ी गाड़ी की तस्वीर ली। इसके बाद ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग निकला। फिर निखिल के पिता ने डॉक्टर को कॉल किया, और डॉक्टर ने कहा कि उनके बेटे को अब फिट घोषित कर दिया गया है। निखिल और उसके पिता ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और आरोपी डॉक्टर और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया।
भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल

यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना देती है। मेरठ, बागपत, बुलंदशहर और हापुड़ के अभ्यर्थियों का सत्यापन सीसीटीवी निगरानी में किया जा रहा है। मेरठ पुलिस लाइन में भर्ती प्रक्रिया के नोडल अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि आरोपी डॉक्टर और ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
सख्त कार्रवाई और सुधार की जरूरत
इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है। राज्य की पुलिस भर्ती प्रक्रिया में सख्त सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे घोटाले और भ्रष्टाचार की घटनाएं रुक सकें और योग्य अभ्यर्थियों को सही अवसर मिल सके।
ये भी पढ़े: संजू बाबा के जबरा फैन की दीवानगी: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ संजय दत्त के फैन का हेयरस्टाइल