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माँ भगवती की 51शक्तिपीठ तीर्थ में नवरात्र पर गरबा और डांडिया की धुन पर नाचे सभी 

अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोकगायिका कुसुम वर्मा ने गरबा गीतों की अपनी सुमधुर स्वर लहरियों से वातावरण को भक्तिमय बनाने के साथ ही हर किसी को झूमने पर विवश कर दिया

लखनऊ। राजधानी स्थित 51शक्तिपीठ तीर्थ ने नवरात्र में गरबा और डांडिया रास का आयोजन कर आस्था, उत्सवधर्मिता और श्रद्धाभाव के नए आयाम रचे। गर्भगृह में विराजमान तपिस्विनी माँ पार्वती के सम्मुख श्रद्धालुओं ने भक्तिप्रधान लोकगीतों की लयताल पर झूमते हुए इस अवसर को अविस्मरणीय बना दिया।माँ भगवती की आराधना के निमित्त गरबा और डांडिया रास की शुरुआत तीर्थ की सहसंस्थापिका पुष्पा दीक्षित द्वारा गर्भदीप के प्रज्ज्वलन से हुई। पारम्परिक परिधान में युगल और एकल समस्त श्रद्धालु अपराह्न से देर संध्याकाल काल तक गरबा और डांडिया की लयताल पर थिरकते रहे। चनिया-चोली और लोकशैली के नयनाभिराम परिधानों एवं आभूषणों से सुसज्जित स्त्रियों ने गर्भदीप को केंद्र में रखकर वृत्ताकार सामूहिक रूप से नृत्य किया।अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोकगायिका कुसुम वर्मा ने गरबा गीतों की अपनी सुमधुर स्वर लहरियों से वातावरण को भक्तिमय बनाने के साथ ही हर किसी को झूमने के लिए विवश कर दिया।

लोकनृत्य और संगीत के इस अनूठे आयोजन का समापन प्रसाद वितरण से हुआ। शक्तिपीठ तीर्थ की अध्यक्ष तृप्ति तिवारी ने बताया कि नवरात्र में गरबा और डांडिया नृत्य माँ भगवती के प्रति श्रद्धा और समर्पण की अभिव्यक्ति है। माँ के सम्मुख यह लोकनृत्य मनुष्य को समस्त अष्टरागों क्रोध, काम, लोभ, मोह, ईर्ष्या, घमंड, प्रतिस्पर्द्धा और अभिमान से मुक्ति का मार्ग है। कार्यक्रम का संचालन कर रहीं लोकगायिका कुसुम वर्मा ने बताया कि स्वतःस्फूर्त श्रद्धाभाव से श्रद्धालुओं ने माँ भगवती की नृत्यात्मक आराधना की। गरबा और डांडिया के इस आयोजन में आचार्य धनञ्जय पाण्डेय के नेतृत्त्व में सभी पुरोहितगणों, कुसुम वर्मा, तृप्ति तिवारी, सुनीता राय, न्यासी वरद तिवारी, मलय रस्तोगी, नमन तिवारी, मणि रस्तोगी, अमिता त्रिवेदी, रत्ना पाठक, प्रीति जोशी, रमाकांत श्रीवास्तव, अनुराग पाण्डेय सहित बहुसंख्य श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

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